बयाना : बयाना शहर का ऐतिहासिक एवं प्राचीन कुंड अब जर्जर हालत में पड़ा है। गंदगी का आलम तो यह है कि वह धीरे-धीरे कूड़े-कचरे के ढेर का स्थान बन रहा है।

हमारे सनातनी संत रिपोर्टर के अनुसार कुंड के चारों तरफ गंदगी के ढेर मिले और कुंड की पानी के अंदर बहुत सारा कचरा एवं पॉलीथिन मिला।
इसका रखरखाव एवं संरक्षण किस विभाग के पास है यह तो हमें नहीं पता लगा मगर जिस किसी के पास है वह बहुत लापरवाही कर रहा है।
या तो सरकार इसके संरक्षण में बजट आवंटित नहीं करती और यदि करती है तो वह बजट जाता कहां है। यदि सरकार बजट आवंटित नहीं करती है तो हम अनुरोध करते हैं कि सरकार इसके संरक्षण के लिए बजट आवंटित करें।
यह बड़ा चिंता का विषय है कि हम अपनी प्राचीन धरोहरों को सुरक्षित नहीं रख रहे हैं । हैरानी की बात यह है कि बयाना शहर एक ऐतिहासिक शहर है। इसकी इमारत इसकी संस्कृति एवं इसकी सभ्यता प्राचीन काल से संबंध रखती है।
दुर्भाग्य जो आज यह कुंड इस जर्जर अवस्था में पड़ा हुआ है
आखिरकार इस कुंड की ऐसी दुर्दशा के लिए कौन जिम्मेदार है ? पूछता है सनातनी संत रिपोर्टर
